आनन फानन - Aanan Faanan (Akriti, Jayesh, Javed, Namastey London)
Wednesday, July 1, 2015
Movie/Album: नमस्ते लन्दन (2007)
Music By: हिमेश रेशमिया
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: आकृति कक्कड़, जयेश गाँधी, जावेद अख्तर
आनन फानन हुआ क्या से क्या
मैं जानेमन हुआ क्या से क्या
धड़का धड़का धड़का सा दिल
कहता है ये फ़साना
तड़पा तड़पा तड़पा सा दिल
चाहे तेरे पास आना
तेरी मोहब्बत ही मेरी परस्तिश है
मेरी तू हो जाए मेरी ये कोशिश है
सुन ले मेरी तमन्ना, तय है मेरी ही बनना
ऐ मेरी नीलम परी
देख मेरी ये बाहें, देख ले ये निगाहें
है कितनी प्यार भरी
धड़का धड़का...
दिल जिसे ढूंढें है, तू वही दिलकश है
दिल जिसे माँगे है, तू वही मेहमश है
तुझको एक दिन है पाना, दिल का ये है तराना
हर सुबह हर शाम है
तुझको ही याद करना, तेरी ही बात करना
मेरा यही काम है
धड़का धड़का...
Dialogues
एक पल तो मुझे देखती शरमाई थी आँखें
आँखों से गुज़रता हुआ मुस्कान का साया
शायद मेरी खामोशी ने है कह दिया तुमसे
वो राज़ जो मैं तुमसे कभी कह नहीं पाया
कल क्या होगा, ये मत सोचो
तुम ये देखो की शाम के दामन में क्या है
मद्धम मद्धम सी रोशनियों में
धुन पे मचलते जिस्मों पर हलकी सी दमक
लहराती हुई संदल बाहें
बलखाती हुई रेशम जुल्फें
ये अंग अंग ये झलक झलक
शीशों की खनक
शीशों को छूते नाज़ुक लब
जिनमें शाम की सुर्खी है
हिरनी सी वैशी आँखों में
अनजाने से पैगाम बसे
ये देख के इनको बहके तो इलज़ाम किसे
इन लम्हों के प्यालों में जितनी मस्ती है
सारी की सारी तुम पी लो
इस शाम को जी भर के जी लो
कल जो भी होगा देखेंगे
मुझको तेरी आवाज़ से खुश्बू आती है
और खुश्बू में रंग दिखाई देते हैं
तू जब नहीं है, तब भी तू है साथ मेरे
मीलों से छूते हैं तुझको हाथ मेरे
वो जो तेरी साँसों में है घुले हुए
कहीं रहो वो गीत सुनाई देते हैं
बादल, तितली, कलियाँ, लहरें, फूल, हवा
ये सब तेरे रूप दिखाई देते हैं
मैं हूँ, तेरा नाम है, तेरी बातें हैं
हर पल दोहराता तेरा अफसाना हूँ
मुझको तो अब होश नहीं है
तू ही बता सब कहते हैं मैं तेरा दीवाना हूँ
Music By: हिमेश रेशमिया
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: आकृति कक्कड़, जयेश गाँधी, जावेद अख्तर
आनन फानन हुआ क्या से क्या
मैं जानेमन हुआ क्या से क्या
धड़का धड़का धड़का सा दिल
कहता है ये फ़साना
तड़पा तड़पा तड़पा सा दिल
चाहे तेरे पास आना
तेरी मोहब्बत ही मेरी परस्तिश है
मेरी तू हो जाए मेरी ये कोशिश है
सुन ले मेरी तमन्ना, तय है मेरी ही बनना
ऐ मेरी नीलम परी
देख मेरी ये बाहें, देख ले ये निगाहें
है कितनी प्यार भरी
धड़का धड़का...
दिल जिसे ढूंढें है, तू वही दिलकश है
दिल जिसे माँगे है, तू वही मेहमश है
तुझको एक दिन है पाना, दिल का ये है तराना
हर सुबह हर शाम है
तुझको ही याद करना, तेरी ही बात करना
मेरा यही काम है
धड़का धड़का...
Dialogues
एक पल तो मुझे देखती शरमाई थी आँखें
आँखों से गुज़रता हुआ मुस्कान का साया
शायद मेरी खामोशी ने है कह दिया तुमसे
वो राज़ जो मैं तुमसे कभी कह नहीं पाया
कल क्या होगा, ये मत सोचो
तुम ये देखो की शाम के दामन में क्या है
मद्धम मद्धम सी रोशनियों में
धुन पे मचलते जिस्मों पर हलकी सी दमक
लहराती हुई संदल बाहें
बलखाती हुई रेशम जुल्फें
ये अंग अंग ये झलक झलक
शीशों की खनक
शीशों को छूते नाज़ुक लब
जिनमें शाम की सुर्खी है
हिरनी सी वैशी आँखों में
अनजाने से पैगाम बसे
ये देख के इनको बहके तो इलज़ाम किसे
इन लम्हों के प्यालों में जितनी मस्ती है
सारी की सारी तुम पी लो
इस शाम को जी भर के जी लो
कल जो भी होगा देखेंगे
मुझको तेरी आवाज़ से खुश्बू आती है
और खुश्बू में रंग दिखाई देते हैं
तू जब नहीं है, तब भी तू है साथ मेरे
मीलों से छूते हैं तुझको हाथ मेरे
वो जो तेरी साँसों में है घुले हुए
कहीं रहो वो गीत सुनाई देते हैं
बादल, तितली, कलियाँ, लहरें, फूल, हवा
ये सब तेरे रूप दिखाई देते हैं
मैं हूँ, तेरा नाम है, तेरी बातें हैं
हर पल दोहराता तेरा अफसाना हूँ
मुझको तो अब होश नहीं है
तू ही बता सब कहते हैं मैं तेरा दीवाना हूँ